जल संरक्षण का एकमात्र उपाय, वाटर हार्वेस्टिंग, वरिष्ठ भू-जलविद डी.पी. वर्मा की सलाह, बेहतर कल के लिए जल बचाएं, जीवन बचाएं


रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जाने-माने पंजीकृत वरिष्ठ भू जलविद, श्री डीपी वर्मा ने गिरते भूजल स्तर और भविष्य में पानी की उपलब्धता पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आने वाले समय में जल संकट से बचने और एक बेहतर कल सुनिश्चित करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
श्री वर्मा ने जल संरक्षण और वाटर हार्वेस्टिंग की आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा, “जिस तेजी से शहरीकरण हो रहा है और भूजल का अनियंत्रित दोहन बढ़ रहा है, उससे हमारे जल स्रोत खतरे में हैं। बारिश का पानी, जो प्रकृति का अनमोल उपहार है, बहकर व्यर्थ चला जाता है। हमें इसी पानी को सहेजने की जरूरत है।”
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित देश के कई हिस्सों में भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है। इसका मुख्य कारण बारिश के जल का जमीन में पुनः न समाना है। वर्षा का जल सीधे नालियों और नदियों के रास्ते बहकर चला जाता है, जिससे भूजल recharge नहीं हो पाता।
क्या है वाटर हार्वेस्टिंग?
वाटर हार्वेस्टिंग एक ऐसी प्रणाली है जिसमें वर्षा के पानी को इकट्ठा कर उसे सीधे भूजल स्तर में मिलाया जाता है। इसके लिए मकानों, भवनों, सरकारी परिसरों और उद्योगों में रेन वॉटर कलेक्शन यूनिट लगाया जाता है। इससे बारिश का पानी सीधे ज़मीन में चला जाता है और बोरवेल, कुएं जैसे जल स्रोत पुनः भरने लगते हैं।
वरिष्ठ भू-जलविद डी.पी. वर्मा ने कहा:
“आज की जरूरत है कि प्रत्येक पुराने और नये निर्माण कार्य में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए। नगर निगमों को इसे अनिवार्य करना चाहिए और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए।”
सरकार और आमजन की भूमिका
सरकार द्वारा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब आमजन भी अपनी जिम्मेदारी समझे। बारिश के पानी को व्यर्थ न बहने दें, बल्कि उसे सहेजें।
जल है तो कल है
अगर हम अभी से सजग नहीं हुए, तो आने वाला भविष्य जल संकट से भरा होगा। आज जो बूँद हमें सामान्य लग रही है, वह कल अमूल्य हो जाएगी। इसलिए हर नागरिक को चाहिए कि अपने घर, मोहल्ले और संस्थान में जल संरक्षण की पहल करे।
जल संरक्षण की दिशा में यह समय निर्णय लेने का है, और सबसे सरल, सस्ता और प्रभावी तरीका है – वाटर हार्वेस्टिंग। वरिष्ठ भू-जलविद डी.पी. वर्मा की बातों को गंभीरता से लेकर यदि हर नागरिक इसे अपनाता है, तो छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश का भविष्य जल संकट से बच सकता है।
जल संरक्षण का एकमात्र उपाय, “वाटर हार्वेस्टिंग”
श्री डीपी वर्मा – पंजीकृत वरिष्ठ भू जलविद, श्री डीपी वर्मा, रायपुर छत्तीसगढ़
HYDRO GEO – CONSULTANTS के माध्यम से डी.पी. वर्मा एवं उनकी टीम जल संरक्षण पर काम कर रही है और लोगों को इसका तकनीकी समाधान भी दे रही है। उनका कार्यालय रायपुर के मोवा स्थित उषा प्राइड,विधान सभा रोड पर है, जहां से कोई भी व्यक्ति सलाह और समाधान प्राप्त कर सकता है।
संपर्क करें:
9617007000, 9302610009
ईमेल: lrydrogeo2015@gmail.com, hydro_geo2009@yahoo.com
जल बचाएं, जीवन बचाएं – यही है सच्चा योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए।









