भारतमाला परियोजना में मुआवजा राशि घोटाले में 4 गिरफ्तार

रायपुर। भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण मुआवजा में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। आर्थिक भ्रष्टाचार और दस्तावेजों में हेराफेरी कर शासन को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

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ब्यूरो में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक-30/2025, धारा-7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथासंशोधित भ्र.नि. (संशोधन) अधिनियम 2018 एवं धारा-467, 468, 471, 420, 120बी भादवि में लोकसेवकगण, मुआवजा प्राप्त करने वाले व्यक्ति एवं अन्य व्यक्तियों के द्वारा आपराधिक षडयंत्र कर वर्ष 2020 से 2024 में भारतमाला परियोजना रायपुर विशाखापट्टनम प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरीडोर के भू-अर्जन प्रकरण में शासन द्वारा अर्जित भूमि को पुनः शासन को विक्रय कर मुआवजा देने, भूमि स्वामी के बदले किसी अन्य को मुआवजा देने एवं निजी भूमि के गलत मुआवजा तथा उसके टुकड़े कर उपखण्डों में विभाजित कर मुआवजा राशि हड़प कर शासन के साथ छल करते हुए धोखाधड़ी कर करोड़ों रूपये की आर्थिक हानि कारित करने के आरोप में दिनांक 25.04.2025 को राज्य भर के 20 स्थानों में ब्यूरो द्वारा रेड की कार्यवाही की गई थी, रेड पश्चात् आरोपियों से पूछताछ कर पति-पत्नी उमा तिवारी एवं केदार तिवारी को दूसरे व्यक्ति का मुआवजा राशि 2 करोड़ रूपये अवैध तरीके से प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

प्रकरण के अन्य आरोपी हरमीत सिंह खनूजा को उमा तिवारी के सहयोगी के रूप में अधिग्रहण का पैसा अवैध तरीके से प्राप्त करने तथा कई किसानों की मुआवजा राशि हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपी व्यापारी विजय जैन को उमा तिवारी के सहयोगी के रूप में अधिग्रहण का पैसा अवैध तरीके से प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय (भ्र.नि.अ.), रायपुर में पेश कर पुलिस रिमाण्ड प्राप्त किया गया है। प्रकरण में अग्रिम विवेचना जारी है।

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