CG News : शिक्षिका सपना सिंह राज्य युवा महोत्सव में लोक गायन प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में चयनित, जिले का बढ़ाया मान


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श्रीमती सपना सिंह ने मात्र चार वर्ष की उम्र से ही अपने नाना, स्वर्गीय जी. पी. रजक के निर्देशन में लोक कला की बारीकियां सीखनी शुरू कीं। वे राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती रजनी रजक के साथ लोक गाथा ढोला-मारू के गायन में पारंगत हैं। उन्होंने खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से शास्त्रीय संगीत में एम.ए. की उपाधि प्राप्त की है। श्रीमती सपना सिंह ने 1,000 से अधिक मंचीय प्रस्तुतियां देकर छत्तीसगढ़ी लोक कला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। साथ ही, वे छत्तीसगढ़ी गीतों की रचना भी करती हैं।
सपना सिंह ने 2004 और 2005 में दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह में अपनी प्रस्तुति देकर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया। उनकी इस उपलब्धि पर राजनांदगांव जिले के कला प्रेमियों और उनके चाहने वालों में हर्ष का माहौल है।